5 Best Poems of Harivansh Rai Bachchan
हरिवंश राय बच्चन - हिंदी साहित्य के महान कवि
हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवंबर 1907 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। वे हिंदी साहित्य के सबसे प्रभावशाली और लोकप्रिय कवियों में से एक माने जाते हैं।
बच्चन जी की कविताएं सरल और सहज भाषा में लिखी गई हैं लेकिन उनका साहित्यिक स्तर बहुत ऊंचा है। उन्होंने 30 से अधिक काव्य संग्रह लिखे जिनमें 'मधुशाला', 'मधुकलश', 'अग्निपथ' और 'क्या कहूँ' प्रमुख हैं।
बच्चन जी ने हिंदी कविता की भाषा को सरल और सहज बनाने में बड़ा योगदान दिया। उन्होंने हिंदी कविता को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कविताओं की लोकप्रियता से हिंदी काव्य को बड़ा बल मिला।
बच्चन जी ने अपनी कविताओं में प्रेम, देशभक्ति, आदर्शवाद और मानवतावाद जैसे विषयों को बहुत सूक्ष्मता से उठाया है। आइए उनकी 5 सर्वश्रेष्ठ कविताओं पर एक नज़र डालते हैं:
1. अग्निपथ
'अग्निपथ' हरिवंश राय बच्चन की सबसे प्रसिद्ध कविताओं में से एक है। यह कविता सर्वप्रथम 1935 में प्रकाशित हुई थी। इस कविता में कवि ने युवा पीढ़ी को महान लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया है। कवि का कहना है कि महानता पाने के लिए 'अग्नि के पथ' पर चलना पड़ता है।
इस कविता में उत्साह, साहस और मेहनत करने की प्रेरणा दी गई है। कविता की भाषा बहुत ही सरल और सहज है। पंक्तियों में लय और तुकांतता है। कवि ने अलंकारों का बेहतरीन प्रयोग किया है।
कविता की कुछ प्रमुख पंक्तियाँ हैं:
"स्वर्ग से प्रथस्थ पर धरती, प्रथस्थ पर नरक, आगे बढ़ता ही रहो, उसे हर कदम पर देखा"
कविता का मूल संदेश यह है कि हमें निराशा और डर से बचकर साहसिक ढंग से अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते रहना चाहिए। इस कविता से प्रेरणा लेकर युवा पीढ़ी ने देश के लिए कई महान कार्य किए हैं। यह एक प्रेरणादायक कविता है जो हमें महान बनने की प्रेरणा देती है।2. मधुशाला
'मधुशाला' हरिवंश राय बच्चन का सबसे प्रसिद्ध काव्य संग्रह है। इसका पहली बार प्रकाशन 1935 में हुआ था। इस काव्य संग्रह में कुल 99 कविताएं संकलित हैं।
'मधुशाला' की कविताओं में जीवन के प्रति एक आशावादी और रोमांटिक दृष्टिकोण व्यक्त हुआ है। कवि ने जीवन को एक 'मधुशाला' के रूप में चित्रित किया है जहां भगवान् मदिरालय का स्वामी है, मनुष्य पीने वाले और दुनिया बार है। कवि का कहना है कि हर व्यक्ति अपने अनुसार इस 'मधुशाला' में मस्त रहता है।
'मधुशाला' की कविताएं जीवन की खुशियों को महसूस करने और प्रत्येक क्षण का आनंद लेने की सीख देती हैं। कवि ने सृष्टि की सुंदरता और जीवन के आनंद का बड़े ही सूक्ष्म ढंग से वर्णन किया है।
कविताओं की भाषा सहज, सरल और मनोहारी है। कवि ने संस्कृत के शब्दों का बेजोड़ इस्तेमाल करके सूक्ष्म भावनाओं की अभिव्यक्ति की है।
कुछ प्रमुख पंक्तियाँ:
"मदिरालये में जो पी रहा हूँ, ये खुमारी काहे को मुझे सताती है? ये मेरा ही तो पीना है, प्रभु का प्याला है"
'मधुशाला' आज भी हिंदी साहित्य की सर्वाधिक प्रसिद्ध और प्रिय कृतियों में से एक है। इसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई है।
3. हिंदुस्तान मेरी आवाज़ सुनो
यह एक देशभक्ति गीत है जिसे हरिवंश राय बच्चन ने सन 1946 में भारत के विभाजन के समय लिखा था। इस कविता में कवि ने देश को संबोधित करते हुए शांति और एकता की अपील की है।
कवि ने इस गीत में हिंसा और नफरत की निंदा की है और देशवासियों से अपनी सांस्कृतिक विरासत और एकता को भुलाने की गुजारिश की है। उन्होंने कहा है कि हमें धार्मिक मतभेदों से ऊपर उठकर एकजुट होना चाहिए।
यह गीत आज भी अत्यंत प्रासंगिक लगता है। यह हमें एकता और भाईचारे का संदेश देता है। बच्चन जी की यह कविता राष्ट्रीय एकता और शांति का प्रतीक बन गई है।
4. आज एक कल एक
यह कविता सन 1958 में प्रकाशित 'क्या कहूँ' कविता संग्रह से ली गई है। इस कविता में कवि ने जीवन की अस्थायिता को बड़ी सूक्ष्मता से प्रस्तुत किया है।
कवि ने रात और दिन के बार-बार आने की तुलना में जीवन की छोटी अवधि को दर्शाया है। उन्होंने कहा है कि प्रत्येक आज बीत जाने पर कल आ जाता है और हम मृत्यु के क़रीब पहुँच जाते हैं।
कवि ने समय के तेज़ गति से बीतने पर जोर दिया है और पाठकों से इस अस्थायिता को समझ कर प्रत्येक क्षण की कद्र करने का आग्रह किया है।
कुछ प्रमुख पंक्तियाँ:
"कल एक हाथ जोड़े, मांगी उम्र आज एक, आज एक कल एक, तिरे मन को कहे की रीत"
इस कविता में जीवन के प्रति गंभीर सोच व्यक्त की गई है। यह हमें भी जीवन को सही तरीके से जीने का संदेश देती है।
5. निशा निमंत्रण
यह कविता 'मधुकलश' कविता संग्रह से ली गई है जिसका प्रकाशन 1936 में हुआ था। इस कविता में कवि ने रात का बड़े प्यार से स्वागत किया है।
कवि ने रात को एक कोमल सह कवि ने रात को एक कोमल सहेली की तरह चित्रित किया है जो थके-मांदे लोगों को आराम पहुंचाती है। कवि कहते हैं कि वे जीवन की पीड़ाओं से राहत पाने के लिए रात की शांत छाँव में आ जाते हैं।
कवि ने रात के अंधेरे को एक आश्रय और आराम का स्थान बताया है जहाँ थके हुए मन को चैन मिलता है। कविता में रात के सौंदर्य का बेजोड़ वर्णन किया गया है।
कुछ प्रमुख पंक्तियाँ:
"आजा, आजा एक बाहों में, बुझा दे हमारी आग, जीवन का दगमगाता संकिर्ण दीप बुझा दे"
यह कविता अपने सूक्ष्म भावों और कल्पनाशील शैली के लिए प्रसिद्ध है। यह पाठकों को आकर्षित करती रही है।
इस प्रकार हरिवंश राय बच्चन की कविताएँ हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर हैं। उन्होंने अपने सरल और प्रभावशाली शब्दों से कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है। आज भी उनकी कविताएँ हमें प्रेरित और प्रभावित करती हैं।